इस वक्त की सबसे बड़ी खबर कर्नाटक से आ रही है, जहां से आज बिहार के लिए खुलने वाली 3 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है , वही कुल 10 ट्रेनों को वहां की यदुरप्पा सरकार ने रद्द करवा दिया है । ये फैशला ऐसे समय मे लिया गया है, जब लाखो की संख्या में बिहार यूपी के मजदूर लॉकडाउन के बीच बैंगलोर सहित वहां की कई जिलों में फंसे हुए है । इससे बीच नया खुलाशा ये हुआ है, कि कर्नाटक सरकार के इस फैसले के पीछे वहां के कई नामी गिरामी बिल्डर और रियल इस्टेट इंडस्ट्रीयलिस्ट का हाथ है, इससे मीटिंग में सीएम यदुरप्पा भी शामिल थे, जिसमे बिल्डरों और अन्य लोगो ने सीएम से ट्रेनें नही चलाने की अपील की, उनका कहना था कि अगर यहां से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड , ओडिसा के मजदूर वापिस चले गए तो यहाँ काम कौन करेगा, बता दे कि 4 मई से तीसरे चरण का लॉकडाउन देश मे शुरू हो चुका है, और इस लॉकडाउन के दौरान कई इंडस्ट्रीज में कार्य करने की छूट दी गयी है, जिसके बाद वहां कार्य शुरू हो चुका है । ऐसे में अगर मजदूर वापस अपने अपने राज्य चले गए तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है । हालांकि वह सरकार ने ट्रेन रद्द करने को लेकर अब तक कोई कारण नहो बताया है । खबरों के मुताबिक बैंगलोर के जिस स्टेशन से ये स्पेशल ट्रेनें खुलने वाली थी, वहां अब भी बिहार, यूपी के मजदूर जमे हुए है, और उन्हें पुलिस समझने बुझाने का प्रयास करती दिख रही है ।
आज कर्नाटक से जिन ट्रेनो में मजदूर वापिस आने वाले थी उनमे से तीन ट्रेन आज सुबह 9 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 3 बजे बेंगलोर से दानापुर के लिए खुलने वाली थी, तो वही पांच दिनों के दौरान कुल 10 ट्रेनो से बिहार के मजदूरो को वहाँ से लाये जाने का इंतजाम भी रेलवे ने कर दिया था, इसी बीच उन ट्रेनो को रद्द करवा दिया गया । अब आगे उन मजदूरो का क्या होगा, इसपर बिहार सरकार का क्या कदम होगा, ये बाते ध्यान देने योग्य होगी । फिलहाल कर्नाटक की यदुरप्पा सरकार का अमानवीय चेहरा सबके सामने आ चुका है ।